Ayurvedic Charak Sanhita Tips for Relief in Headache, Heaviness and Migraine- सिर में भारीपन, सिरदर्द, नाक से दुर्गंध आना, आधे सिर में दर्द, कृमि सिरदर्द, मानसिक शक्ति कम होना (जिसे आज डिप्रेशन कहते हैं) या बेहोशी (यानि बेहोशी) होने पर कुछ उपाय आयुर्वेद में बताये गए है। चरक संहिता में आपको आपको ऐसी पीने और खाने वाली औषधियों के बारे में बताया गया है जो लाभकारी है। (In case of heaviness in the head, headache, smell from the nose, pain in half of the head, helminthic headache, low mental strength (which is called depression today) or fainting (unconsciousness). Some substances and medicines used have been told to you in Charak Samhita or Ayurveda.)

Ayurvedic Charak Sanhita Tips for Relief in Headache, Heaviness and Migraine
Ayurvedic Charak Sanhita Tips for Relief in Headache, Heaviness and Migraine

आयुर्वेद में सिर संबंधी रोगों के लिए उपयोगी पदार्थ और उनके सेवन की विधि

वमन आदि 5 कर्म सवस्थ और रोगी दोनों के लिए उपयोगी है। वमन द्रव्यों को अन्य द्रव्यों के साथ मिलाकर आप ले सकते है। इनमे से तदुल, पीपली, मरीच जोकि काली मिर्च होती है उसको सफ़ेद सरसो के साथ मिलाकर, हरेनु, मेहँदी के बीज, पृथ्वी की कलोंजी, काली तुलसी, कुठ, शिरिस के बीज, लहसुन, सफ़ेद अपराजिता, हल्दी, दोनों रह के नमक- सैंधव और सौवर्चल, ज्योतिष्मती, नागर और सोंठ शामिल है, इन सभी द्रव्यों को शिरोविरेचन में उपयोग किया जाता है। ( The five useful Vaman for both healthy and sick people. These are uded by Mixing emetic liquids with other liquids. These include Tandul of Apamarga, Pippali, Marich (black pepper), white mustard, harenu, henna seeds, earth’s nigella, black basil, kooth, shirish seeds, garlic, white aparajita, turmeric and liquor, and both types of salts – Saindhava and Sauvarchal, Jyotishmati (Malkangani), Nagar (Vidhara), and Sonth. All these liquids are used in Shirovirechan.

शिरोविरेचन आयुर्वेद की एक प्रमुख उपचार पद्धति है, जिसमें सिर के रोगों को ठीक करने के लिए नाक के माध्यम से औषधियों का प्रयोग किया जाता है। यह विधि सिर में जमा अवांछित चीजों (जैसे कफ, विकार) को दूर करने में मदद करती है और मस्तिष्क और नाक मार्ग को साफ करती है। ( Shirovirechan is a major treatment method which is used in Ayurveda. In this medicines are used through the nose to cure head diseases. This method helps in removing unwanted things (such as phlegm, disorders) accumulated in the head and clears the brain and nasal tract).

नेज़ल थेरेपी (नाक के माध्यम से दवा का सेवन) – इसमें नाक के माध्यम से दवा दी जाती है। जिससे इसका प्रभाव मस्तिष्क के ऊतकों और तंत्रिकाओं तक पहुंचता है और सिर संबंधी विकारों में राहत मिलती है। ( Nasal therapy (intake of medicine through the नोज)। Its effect reaches the brain tissue and nerves and provides relief in head related disorders).

सिर संबंधी रोगों में उपयोग – सिर में भारीपन, माइग्रेन, बेहोशी जैसी समस्याओं मस्तिष्क में रुकावट हो तब इन औषधियों में ठंडक और ताजगी देने वाले गुण होते हैं, जो मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं में भी सहायक होते हैं। ( These Medicines are use in head related diseases – In problems like heaviness in the head, migraine, fainting, these substances reduce blockage in the brain. These medicines have cooling and refreshing properties. It also helpful in problems like mental stress and depression).

वमन द्रव्य – वमन का अर्थ है उल्टी, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने की एक प्रक्रिया है। इसमें पिप्पली, सफेद सरसों और लहसुन जैसी सामग्रियों के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। ये कफ को दूर करने और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। ( Vamana Dravya – Vamana means vomiting, which is a process of expelling toxic elements from the body. In this, a mixture of ingredients like long Peeper and garlic is used. These help in removing phlegm and relieving headache).

आयुर्वेद में सिर संबंधी रोगों के लिए उपयोगी पदार्थ और उनके सेवन की विधि

1- तंदुल (चावल) का द्रव्य – इसका उपयोग शिरोविरेचन में किया जाता है। इसे पीसकर इसका पेस्ट नाक में नेजल सॉल्यूशन के तौर पर किया सकता है। इससे सिर का भारीपन और कफ विकारों से राहत मिलती है। ( Tandul is used in Shirovirechan. After grinding it, its paste can be applied in the nose as a nasal solution. This provides relief from heaviness of head and phlegm disorders).

2- कूठ– यह सिरदर्द और तंत्रिका संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसका पेस्ट बनाकर नाक के पास लगाया जाता है और इसे सोंठ के साथ मिलाकर भी लिया जा सकता है। ( Kooth provides relief from headache and nerve problems. Its paste is made and applied near the nose and can be taken by mixing it with dry ginger.

3- पृथ्वी की कलौंजी – यह नाड़ियों को शक्ति प्रदान करती है तथा सिर के विकारों को ठीक करने में सहायक है। एक चुटकी कलौंजी का चूर्ण शहद के साथ लेने से माइग्रेन में आराम मिलता है। ( Nigella of the Earth provides strength to the nerves and is helpful in curing head disorders. Taking a pinch of nigella powder with honey provides relief in migraine.)

4- काली तुलसी – यह सिरदर्द, सर्दी और मानसिक तनाव में सहायक है । आप तुलसी के पत्तों का रस निकालकर नाक में डाल सकते हैं या फिर इसके पाउडर को शहद के साथ ले सकते हैं। ( Black Basil is Helpful in headache, cold and mental stress. You can extract the juice of basil leaves and put it in the nose or its powder can be taken with honey).

5- सफेद सरसों – इसमें सिर में जलन और भारीपन को कम करने के गुण होते हैं। इसके तेल को नाक से लिया जा सकता है या गुनगुने पानी के साथ पिया जा सकता है। ( White Mustard has properties to reduce burning sensation and heaviness in the head. Its oil can be taken nasally or drunk with lukewarm water.)

6- हल्दी– इसका उपयोग सिर दर्द, सूजन और नसों के दर्द में किया जाता है। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से सिरदर्द से राहत मिलती है। ( Turmeric is used in headache swelling and nerve pain. Drinking turmeric mixed with hot milk provides relief from headache).

7- श्वेत अपराजिता – यह मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती है और जमा हुए अवांछित तत्वों को बाहर निकाल देती है। ( White Aparajita can cools the brain and expels unwanted elements accum).

8 – हरेणु – यह सर्दी, खांसी और कफ विकारों को ठीक करने में सहायक है। इसे शहद के साथ लिया जा सकता है। ( Harenu is helpful in curing cold, cough and cough disorders. It can be taken with honey and is useful for detoxification).

9- मारीच (काली मिर्च)– इसमें गर्मी पैदा करने वाले तत्व होते हैं, जो सर्दी, खांसी और सिर में जमा कफ को साफ करते हैं। शहद के साथ इसका सेवन करने से सिरदर्द से राहत मिलती है। इसे नास्य चिकित्सा में औषधि के रूप में भी लिया जा सकता है। ( Marich (black pepper) contains heat producing elements, which clear cold, cough and phlegm accumulated in the head. Consuming it with honey provides relief from headache. It can also be taken as a medicine in nasya therapy.

10लहसुन – इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो खांसी और सर्दी से राहत दिलाते हैं। आप इसे नाक में हल्का गर्म करके सूंघ सकते हैं। ( Garlic has anti-bacterial properties, which provide relief from cough and cold. You can smell it by warming it slightly in the nose).

11- मेहंदी के बीज – इसका उपयोग सिरदर्द और बालों की समस्याओं में किया जाता है। इसे पीसकर इसका लेप सिर पर लगाने से ठंडक और राहत मिलती है। ( Mehndi is used in headache and hair problems. Grinding it and applying its paste on the head provides coolness and relief).

12- पिप्पली (पिप्पली)– यह सिर की नसों को खोलने में सहायक है। इसे दूध या घी के साथ लिया जा सकता है। आप सुबह आधा चम्मच पिप्पली चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से सिरदर्द और मानसिक तनाव से राहत मिलती है। ( Pippli is helpful in opening the veins of the head due to its subtle effect. It can be taken with milk or ghee. Consuming half a teaspoon of Pippali powder with honey in the morning provides relief from headache and mental stress.)

13- शिरीष के बीज – मस्तिष्क को शुद्ध और ताज़ा करते हैं। इसके चूर्ण को शहद के साथ लिया जा सकता है। ( Shirish seeds is useful for purify and refresh the brain. Its powder can be taken with honey).

Ayurvedic Charak Sanhita Tips for Relief in Headache, Heaviness and Migraine
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आयुर्वेद में उबकाई (उल्टी ) या फिर वामन द्रव्य के नाम और उपयोग ( Emetics and their uses in Ayurveda)

आयुर्वेद में उल्टी की प्रक्रिया का विशेष महत्व है, क्योंकि यह शरीर के अंदर जमा विषैले तत्वों को बाहर निकाल देती है। उल्टी के लिए विशेष तरल पदार्थों का प्रयोग किया जाता है जो खांसी, पित्त और सिर के विभिन्न रोगों में लाभकारी होते हैं। ये सभी औषधियां सिर में कफ या पित्त के कारण होने वाले विकारों को दूर करने में सहायक होती हैं। ( The process of vomiting has special importance in आयुर्वेदा। Vomit removes the toxic elements accumulated inside the body. Special liquids are used for vomiting, which are beneficial in cough, bile and various head related diseases. All these medicines are especially helpful in removing disorders).

1- मदन (मैनफल)– उल्टी के लिए इस फल का उपयोग किया जाता है जो कफ और पित्त को संतुलित करता है और विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। इसके सेवन से उल्टी की समस्या में लाभ होता है और सिरदर्द, भारीपन जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है। ( Madan (Manphal) is the main substance for vomiting. It balances phlegm and bile and removes toxic elements. Its consumption is useful in vomiting process and gives relief in problems like headache and heaviness).

2- कटुवी (तारोई) – यह औषधि भी उल्टी में मदद करती है और पित्त को नियंत्रित करती है। सिर के रोगों में इसका सेवन कफ और पित्त विकारों को दूर करने में सहायक होता है। ( Katuvi (Taroi) also helps in vomiting and controls bile. In case of head related issues and Its consumption is helpful in removing phlegm and bile disorders).

3- नीम (नीम की छाल) – नीम का कड़वा स्वाद शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। नीम की छाल का सेवन करने से सिरदर्द, खांसी और पित्त की समस्या से राहत मिलती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो सिर में किसी भी तरह की सूजन और संक्रमण में फायदेमंद होते हैं। ( Neem (Neem bark) है bitter taste of Neem flushes out toxins from the body. Consuming Neem bark relieves headache, cough and bile problems. It also has antibacterial Properties. It is beneficial in any kind of inflammation and infection in the head).

4- ऐला (छोटी इलायची)– इसके सेवन से उल्टी के दौरान हमारे मस्तिष्क को राहत देने में सहायक है और उल्टी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है। ( Aela (small cardamom) consumption provides freshness and subtlety during vomiting. It is helpful in giving relief to the Brain).

5- मधुका (लिकोरिस)– इसका उपयोग सिर के रोगों में होने वाली जलन और भारीपन को कम करने के लिए किया जाता है। इसका सेवन उल्टी के दौरान किया जाता है, जिससे शरीर शुद्ध हो जाता है। पित्त और कफ से होने वाले रोगों में भी इसे लाभकारी माना गया है। ( Madhuka (Liquorice) is used to reduce the sensation and heaviness caused in head diseases. It is consumed during vomiting, which purifies the body. It has also been considered beneficial in diseases caused by bile and phlegm).

6- पिप्पली (लंबी काली मिर्च) – पिप्पली का उपयोग भी कफ को नियंत्रित करने और सिर में भारीपन से राहत पाने के लिए किया जाता है। यह बारीक नसों को खोलकर कफ को ठीक करता है। ( Pippali (Long Pepper) is especially used to control phlegm and relieve heaviness in the head. It provides relief from phlegm by opening the fine veins).

7- कर्तध्वना (कड़वा तुंबा)– इसका उपयोग उल्टी के लिए भी किया जाता है। इसके कड़वे गुण कफ और सिर के पित्त विकारों में लाभकारी होते हैं। इसका सेवन करने से विषैले तत्व दूर हो जाते हैं और सिर की समस्याएं ठीक हो जाती हैं। ( Kartadhwana (Bitter Tumba) is also used for vomiting. Its bitter properties are beneficial in cough and bile disorders of the head. Consuming it removes toxic elements and removes head problems).

8- कूट (कूठ) – कूट फल उल्टी प्रक्रिया में उपयोगी है और सिरदर्द और मानसिक थकान से राहत देता है। इससे सिर के विकार दूर हो जाते हैं। ( Koot (Kooth) is useful in vomiting process and provides relief from headache and mental fatigue. It removes the disorders stuck in the head).

9- इक्ष्वाकु (कड़वा घी) – इक्ष्वाकु का फल उल्टी प्रक्रिया में बहुत फायदेमंद होता है। इसका उपयोग पित्त और कफ के कारण होने वाले सिरदर्द, भारीपन और मानसिक समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है। ( Ikshvaku (Bitter Ghee) is very beneficial in the vomiting process. It is used to provide relief from headache, and heaviness and relieve mental problems caused by bile and phlegm).

FAQ
किस सिर दर्द में किस औषदि का उपयोग करे?

माइग्रेन और आधासीसी : पिप्पली, मारीच, तुलसी, सोंठ का सेवन करें।
दिमागी शक्ति और याददाश्त के लिए : ज्योतिष्मती, नागर और दारू का प्रयोग लाभकारी है।
सिरदर्द और भारीपन : सफेद सरसों, मेंहदी, कलौंजी का प्रयोग करें।

मदन, मधुक, कर्तध्वन, कूट, और इक्ष्वाकु के फल सेवन का तरीका क्या है?

इन फलों का सेवन किया जाता है और ये वामन में सहायता करते हैं। उदाहरण के लिए सिर के भारीपन, रक्तचाप, पित्त संबंधी विकार और कफ से संबंधित दस्तावेजों में लिया जा सकता है।

Disclaimer: This information is for educational purposes only and is based on the Charak Samhita. It is not a substitute for professional medical advice, diagnosis, or treatment. Always consult a healthcare provider for medical concerns. Individual results may vary. Make India Healthy is not responsible for any adverse effects or consequences resulting from the use of this information.

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