Ayurvedic Herbs for Effective Weight Loss and Detox- चरक संहिता किताब प्रथम भाग के हिंदी अनुवादक पंडित काशीनाथ पांडेय शास्त्री जिनके पास BIMS की डिग्री है और अनुवादक डॉक्टर गोरखनाथ चतुर्वेदी जोकि MBBS है, की बुक से पेज नंबर 65 से यह ब्लॉग हिंदी अनुवाद से लिखा गया है। शरीर को दुबला और पतला बनाने के लिए जिन पदार्थों का उपयोग किया जाता है उन्हें आयुर्वेद में “लंघन” कहा जाता है। इन्हें “लेहन” या “कृष्णा” भी कहा जाता है। ऐसे पदार्थ शरीर से अनावश्यक तत्वों, मल और अतिरिक्त चर्बी को बाहर निकालने का काम करते हैं, जिससे शरीर हल्का और पतला हो जाता है। ये पदार्थ विशेष रूप से वायु और अग्नि तत्वों से बने होते हैं, जो शरीर में हल्कापन लाते हैं। इनके गुण हल्के, तीखे, चिकनाई दूर करने वाले, रूखे, सूक्ष्म (अर्थात आंतरिक प्रभाव वाले), रूखे, प्रवाही और कठोर होते हैं। इनकी तासीर गर्म होती है, जिससे शरीर के अनावश्यक तत्व सूख जाते हैं। वायु और अग्नि तत्व दोनों ही शरीर से चर्बी और मांस को सुखाकर शरीर को हल्का बनाते हैं। इनका उपयोग उन लोगों पर किया जाता है जो भारी होते हैं या मजबूत शरीर वाले होते हैं ताकि उनके शरीर का वजन कम हो और वे स्वस्थ और फिट रहें।
शरीर को दुबला और हल्का बनाने के लिए इन 10 आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जाता है। ( These 10 Ayurvedic medicines are used to make the body lean and light).
दस जड़ी-बूटियाँ हैं
1. नागरमोथा (Cyperus Rotundus)
सेवन विधि: नागरमोथा का चूर्ण पानी के साथ लिया जा सकता है। इसे गुनगुने पानी या शहद के साथ सुबह खाली पेट लेना लाभकारी होता है।
प्रभाव: नागरमोथा पाचन को सुधारता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे शरीर में अतिरिक्त वसा बाहर निकलती है।
2. हैमवती (Unknown)
सेवन विधि: हैमवती का चूर्ण या काढ़ा बनाकर अन्य औषधियों के साथ सेवन किया जा सकता है।आप इसको गरम पानी में गाढ़ा बना कर ले सकते हैं
प्रभाव: इस औषधि के बारे में विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है, परंतु इसे भी चर्बी कम करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
3. चिरविलव (Chirabilva – Holoptelea integrifolia)
सेवन विधि: इसका काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट लेना लाभकारी होता है।
प्रभाव: यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने के साथ ही विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और पतला बनने में मदद मिलती है.
4. चित्रक (Plumbago Zeylanica)
सेवन विधि: इसका चूर्ण भोजन के बाद गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। Its powder can be taken with warm water after meals). प्रभाव: चित्रक अग्नि को बढ़ाता है और पाचन क्रिया में सुधार कर अतिरिक्त वसा घटाने में सहायक है। यह शरीर से एक्स्ट्रा फैट को निकालने में मदद करता है.
5. कटुकी (Picrorhiza Kurroa)
प्रभाव: कटुकी यकृत को स्वस्थ रखती है और शरीर की चर्बी घटाने में सहायक होती है।इसके सेवन से हमारा शरीर जल्दी है पतला होने लग जाता है. सेवन विधि: कटुकी का चूर्ण शहद या गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है, या इसे अन्य औषधियों के साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
6. अतीश (एकोनिटम हेटेरोफिलम)
सेवन विधि: इसका चूर्ण शहद या गुनगुने पानी के साथ लिया जाता है, खासकर सुबह के समय।
प्रभाव: अतीश पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है। यह शरीर में मौजूद विषैला पदार्थ को बाहर निकालता है।
7. (एकोरस रीड)
सेवन विधि: वच का चूर्ण पानी के साथ लिया जा सकता है या इसे अन्य औषधियों के साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
प्रभाव: वच पाचन शक्ति बढ़ाने और शरीर में अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक होती है। इसके चूर्ण को खाने से हमारे शरीर तेजी से पतला होने लग जाता है।
8. हल्दी (बर्बेरिस अरिस्टाटा)
सेवन विधि: दारुहल्दी का काढ़ा बनाकर पीना फायदेमंद होता है। इसे गर्म पानी में उबालकर, छानकर लिया जा सकता है।
प्रभाव: यह यकृत (लिवर) के कार्य को सुधारती है और चर्बी को पचाने में सहायता करती है। यह फैटी लीवर को भी कम करता है।
9. हल्दी (Turmeric)
सेवन विधि: हल्दी को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है, या हल्दी और अदरक के मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है।
प्रभाव: हल्दी जो शरीर की चर्बी को घटाने में सहायक है। यह शुद्धि का काम करता है.
10. कुट (सॉसुरिया लप्पा) Kut (Saussurea lappa)
सेवन विधि: कुट का चूर्ण एक चम्मच शहद या गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम लिया जा सकता है
प्रभाव: कुट के गुण जो चर्बी घटाने में सहायक हैं।
औषधियों का मिश्रण बनाना
इन औषधियों को एक साथ मिलाकर पाउडर के रूप में लिया जा सकता है। सभी औषधियों के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर प्रयोग किया जाता है. आप यह मिश्रण एक-एक चम्मच गर्म पानी या शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से शरीर में चर्बी कम करने में सहायता मिलती है।
Conclusion
ध्यान रहे कि जब भी आप किसी औषधि का प्रयोग करें तो किसी चिकित्सक या आयुर्वेद चिकित्सा की सलाह के अनुसार ही करें.
FAQ
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जिसका अर्थ “जीवन का विज्ञान” होता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित कर स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ावा देना है। यह प्राकृतिक उपचार, खानपान, योग, और जड़ी-बूटियों के माध्यम से रोगों को ठीक करने का प्रयास करता है।
Disclaimer: This information is for educational purposes only and is based on the Charak Samhita. It is not a substitute for professional medical advice, diagnosis, or treatment. Always consult a healthcare provider, Ayurvedic Expert for medical concerns. Individual results may vary. Make India Healthy is not responsible for any adverse effects or consequences resulting from the use of this information. This advice is only general information. This is not replacement of Professional consultation. कंटेंट में बताया गए आयुर्वेदिक उपाय केवल पारंपरिक आयुर्वेदिक ग्रंथों पर आधारित हैं। ये आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से संबंधित नहीं है, और इनका प्रभाव अलग-अलग वयक्तियो पर अलग हो सकता है। हर वयक्ति का शरीर अलग होता है। हम ये दावा नहीं करते कि ये इलाज सभी के लिए समान रूप से काम करेंगे या किसी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होंगे। कृपा किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हम दवा के लिए कोई भी मेडिकल दावा नहीं करते हैं। यह वेबसाइट केवल सामान्य जानकारी के लिए है और यहां दिया गया कंटेंट किसी भी प्रकार का कानूनी दावा और दवा के विकल्प में नहीं है। हम यह सलाह देते हैं कि आप अपने स्वास्थ्य और चिकित्सीय स्थितियों के लिए हमेशा एक लाइसेंस प्राप्त स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से ही सलाह लें। बयान में कहा गया है कि एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) या किसी और नियामक संस्था द्वारा विशेष रूप से मूल्यांकन नहीं किया गया है। ये उत्पाद या इलाज किसी भी बीमारी का निदान, उपचार या रोकथाम करने का वादा या गारंटी नहीं देता.