Chark Samhita Tips to improve eyesight- चरक संहिता किताब प्रथम भाग के हिंदी अनुवादक पंडित काशीनाथ पांडेय शास्त्री जिनके पास BIMS की डिग्री है और अनुवादक डॉक्टर गोरखनाथ चतुर्वेदी जोकि MBBS है, की बुक से यह ब्लॉग हिंदी अनुवाद से लिखा गया है। आंखें हमें तेज देती है इन्हें खास करके कफ से प्रॉब्लम होती है इसलिए दिन में कभी भी काजल नहीं लगना चाहिए क्योंकि दिन में काजल लगाने से आंखों की रोशनी कमजोर होती है यह सूर्य को सहन नहीं करती और यदि सूर्य के सामने हम काजल लगाकर बाहर निकलते हैं तो हमारी आंखों में दर्द शुरू होता है इसलिए हमेशा काजल रात को ही लगाना चाहिए।
चरक संहिता के अनुसार आंखों की रोशनी को बढ़ाने और कफ को कम करने के उपाय
जब आंखों में बलगम यानी की आंखों में बुरा पदार्थ रात को सोने के बाद एकत्रित हो जाता है जिसे आम भाषा में डिड कहते हैं। इसे संस्कृत में श्रेल्समा कहते है। इसको स्वच्छ रखने के लिए हम नाना प्रकार की चीज करते हैं। जिस प्रकार हमारे कपड़े धूल में हो जाते हैं तो हम उन्हें साफ करते हैं। इसी प्रकार मनुष्य की आंखों को भी निर्मल होने की जरूरत होती है। आंखों को साफ रखना आकाश में चंद्रमा के समान चमकने के बराबर है। अगर आंखों में से पानी निकल जाए तो हमारी आँखे साफ होती है। इसलिए पुराने समय में धुआं करके आंखों से गंद निकाला जाता था।
कुछ विद्वान सिद्धति का अर्थ अवजयति करते हैं। इस प्रकार अर्थ करने से दिन में तीक्ष्ण अंजन का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि ये तेजोमय हैं। इसलिए, इसके विपरीत से निकला कफ दोष या श्रीलेश्म सूर्य की किरण से दिन में निकल जाता है। इस दिन में सूर्य की किरण का स्त्रावण करना चाहिए और अंजन को रात में ले जाना चाहिए।
चरक संहिता के अनुसार हमें आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए
आयुर्वेद में अच्छा खाना, जिसमे की विटामिन होते है जैसे गाजर, चकुंदर और घी खाने से आँखों की रौशनी ठीक रहती है।
हमेशा त्रिफला का सेवन कीजिये। आप आवला, हरीतकी भी खा सकते है क्योंकि ये आँखों को सवस्थ रखने में मददगार है।
सुबह के समय घी और शहद का सेवन कीजिये
रात्रि में अच्छी नींद ले और लगातार आंखे साफ़ रखिये। आप आँखों की बाथिंग भी कर सकते है घी की मदद से याद रखे यह सब आप किसी अच्छे आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर की मदद से ही करे।
चरक संहिता के अनुसार, उपाय जिनसे आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है
चरक संहिता के अनुसार हमारी आंखों को साफ और स्वस्थ रखने के लिए कुछ औषधियां और धुआं का इस्तमाल किया जाता है। यहां कुछ धुआं और औषधियां दी गई हैं जो आंखों के लिए लाभदायक होती हैं।
1- तुलसी के पत्तों का धुआँ भी आँखों के लिए अच्छा होता है। ये आँखों को साफ रखने में मदद करता है और आँखों की थकान को दूर करता है।
2- घी का धुआं आंखों के लिए ठंडा और अच्छा होता है। इसके प्रयोग से आँखों की सूजन और जलन कम होती है।
3-आंवले का धुआं भी आंखों के लिए अच्छा साबित होता है, क्योंकि ये आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
4- कमल के फूल का धुआं भी आंखों के लिए मददगार माना जाता है। इसका उपयोग आंखों को शीतल और स्वस्थ रखने के लिए होता है।
5- ब्राह्मी के पत्तों का धुआं आंखों की रोशनी बढ़ाता है और शीतल रखता है।
ये धुआं और औषधियां आंखों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। इनको इस्तेमाल करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। आँखों की सुरक्षा के लिए इनका उपयोग सही तरीके से करना चाहिए।
चरक संहिता के अनुसार आंखों की “कफ” (कफ) एक दोष है जो आंखों की सेहत पर प्रभाव डाल सकता है। कफ दोष आंखों में विशेष रूप से बढ़ता है जोकि आंखों में सूजन, जलन, या दृष्टि को कम करने का करण बन सकता है। आँखों की कफ को समझने और इसका सही उपचार करने से आँखों की रोशनी को बेहतर किया जा सकता है।
चरक संहिता के अनुसर आंखों की कफ दोष को कम करने के लिए कुछ प्रमुख औषधियों का उपयोग किया जाता है जैसे की त्रिफला, ब्राह्मी, औषधि, घी, शहद, नीम, कमल, तुलसी, एकोरस कैलमस (वाच), और धनिया। ये दवाएँ आँखों की सेहत को सुधारने, रोशनी को बढ़ाने में मदद करती हैं। इसके उपयोग से आंखों के कफ दोष को समझा जाता है और सही उपचार करने में सहायता मिलती है। इनका इस्तेमाल चिकित्सक से सलाह ले कर होना चाहिए।
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