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ToggleSide effects of holding back tears- आंसू को रोकने या भावनाओं को दबाने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। अगर आंसू रोकते है तो इससे तनाव, उदासी बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं।
आंसू रोकने के स्वास्थ्य पर प्रभाव
आंसू को रोकने से अवसाद बढ़ सकता है। उन्हें रोकने से सिरदर्द और हृदय पर दबाव बढ़ सकता है। इन दबी हुई भावनाओं को दबाकर रखना सही नहीं है।
शारीरिक रूप से, भावनात्मक दमन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के कारण सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
आँखों में पानी आना कौन सी बीमारी है?
आंखों से पानी आना (एपिफोरा) एक सामान्य लक्षण है। यह कई कारणों से हो सकता है। इनका कारण संक्रमण, एलर्जी, आंसू वाहिनी में रुकावट, ड्राई आई सिंड्रोम या आंख में चोट भी हो सकती हैं। नेत्रश्लेष्मलाशोथ, ब्लेफेराइटिस और साइनस संक्रमण जैसी बीमारियाँ भी इसका कारण हो सकती हैं। कभी-कभी थायरॉइड या ग्लूकोमा जैसी गंभीर स्थितियों के कारण भी आंखों से पानी आने लगता है। धूल, रसायन या किसी बाहरी कण के संपर्क से आंखों में जलन और पानी आ सकता है। यदि आंसू वाहिनी में रुकावट हो जाती है, जिससे आंखों से लगातार पानी आने लगता है। जब आंखें बहुत अधिक सुखी हो जाती हैं तो इसे संतुलित करने के लिए आंसू निकलने लगते हैं अगर ये सब लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो किसी नेत्र विशेषज्ञ से जांच कराना जरूरी है।
आँखों में बार बार आंसू आने का क्या कारण है?
आंखों में बार-बार आंसू आने से ड्राई आई सिंड्रोम, जिसमें आंखों में सूखेपन को संतुलित करने के लिए अधिक आंसू निकलते हैं। एलर्जी, जैसे धूल, धुएं या पराग से जलन, और संक्रमण भी प्रमुख कारण हैं। पलकों की समस्याएं (जैसे एन्ट्रोपियन या एक्ट्रोपियन), आंखों की चोट, तेज रोशनी, धूल, ठंड या साइनस संक्रमण भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं। थकान, लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करना या थायराइड और ग्लूकोमा जैसी गंभीर स्थितियां भी आंखों को इफ़ेक्ट कर सकती हैं। आंख, नाक और कान के आपस में जुड़े होने के कारण नाक या कान में संक्रमण के कारण भी आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है। अगर हम लबे समय तक टीवी या फ़ोन देखते है तो आंसू आते है।
क्या आंसू आँखों के लिए अच्छे होते हैं?
जी हाँ, आंसू आँखों के लिए अच्छे होते हैं। इनके जरिये हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करते है और ये आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। आंसूआँखों की सतह को नमी देते हैं, जिससे आँखों में सूखापन, जलन और धुंधलापन नहीं आता। इसके अलावा आंसुओं में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और आंखों को संक्रमण से बचाते हैं। वे आंखों से गंदगी, धूल और अन्य बाहरी पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। आंसू आँखों को साफ़, स्वस्थ और संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। इसके अलावा, आंसू बहाने से मानसिक तनाव कम होता है और भावनात्मक शांति मिलती हैं। यह तनाव हार्मोन को कम करता है। इस प्रकार, आंसू हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आँखों से आंसू आये तो क्या करे और कैसे रोके?
- भावनात्मक( इमोशनल) आंसू रोके : यदि आपको आंसू उदासी, क्रोध या खुशी जैसे भावनात्मक कारणों से आ रहे हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को शांत करें। गहरी सांसें लें, कुछ देर आराम से बैठें और खुद को भावनात्मक रूप से संतुलित करें। किसी से बात करना या अकेले समय बिताना भी मददगार हो सकता है। आप सोने की भी कोसिस कर सकते है।
- ड्राई आई सिंड्रोम के आंसुओ को ठीक करे : अगर आंखों में सूखेपन के कारण आंसू आ रहे हैं तो आंखों के सूखेपन को ठीक करने के लिए कृत्रिम आंसू या आंसू मरहम का प्रयोग करें। पर्याप्त नमी बनाए रखने के लिए पानी पीना और आंखों को आराम देना जरूरी है। आप खुद को हाइड्रेटेड रखे।
- एलर्जी या धूल के कारण आंसू को कैसे रोके : अगर एलर्जी, धूल या पराग के कारण आंसू आ रहे हैं तो आंखों को ताजे पानी से धोएं। जब भी घर वापस आये तो आँखों को साफ़ करे। आंखों की जलन को कम करने के लिए एंटीहिस्टामाइन दवाएं ली जा सकती हैं। एलर्जी से बचाव के लिए घर के अंदर रहते हुए मास्क पहनना या वायु शोधक का उपयोग करना भी सहायक हो सकता है। आँखों की शुद्धि के प्राकृतिक तरीके अपनाये। आप गुलाब जल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि बाहरी तत्वों जैसे धूल, धुआं या तेज हवा के कारण आंसू आ रहे हैं तो आंखों को तुरंत साफ पानी से धोएं और बाहरी तत्वों से बचने के लिए चश्मा पहन सकते हैं।
- अगर आंसू वाहिनी में रुकावट के कारण आंसू निकल सकते हैं। ऐसे में नियमित रूप से आंखों की सफाई करें और अगर समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से इलाज लें। आप अच्छे से परामर्श ले और उचित उपाय करे। आँखे हमारे लिए सबसे जरुरी है इसीलिए इनकी सेफ्टी सबसे जरुरी हैं।
- संक्रमण: यदि आंसू नेत्रश्लेष्मलाशोथ या ब्लेफेराइटिस जैसे संक्रमण से आ रहे हैं, तो खुद कुछ तरीके न आजमाए डॉक्टर से परामर्श लें। आंखों को साफ करने के लिए गीले कपड़े का इस्तेमाल करें और आंखों को बार-बार छूने से बचें। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किसी भी दवा या आई ड्रॉप का ठीक से उपयोग करें। एक दूसरे की चीज़ जैसे टॉवल, रुमाल और कपड़ो का इस्तेमाल न करे।
- थकान या आंखों पर दबाव: यदि फ़ोन टीवी या लैपटॉप की स्क्रीन पर बहुत देर तक काम करने या पढ़ने के कारण आंसू आ रहे हैं, तो स्क्रीन का समय कम करें और आंखों को नियमित रूप से ब्रेक दें। आंखों को ठंडे पानी से धोने या हल्की मालिश करने से राहत मिल सकती है। आप हलके हाथो से ही मसाज करे और इसके लिए देशी घी का इस्तेमाल करे।
Conclusion/ निष्कर्ष
आंखों से पानी निकलना एक सामान्य बात है, जो कई कारणों से हो सकता है, जैसे भावनात्मक स्थिति, एलर्जी, संक्रमण, आंखों का सूखापन या बाहरी तत्वों के संपर्क में आने से होती हैं । यह आंखों की सुरक्षा और शुद्धिकरण का एक तरीका है। अगर यह लगातार या अत्यधिक हो तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। आंसुओं को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे आंखों को साफ करना और प्राकृतिक दवाओं का उपयोग करना और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अपनी आंखों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है और यदि समस्या बनी रहती है, तो केवल डॉक्टर से बताया गया उचित उपचार ही राहत दे सकता है।
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FAQ
मनुष्य के आंसू में “लैक्टिक एसिड” पाया जाता है। इसके अलावा, आंसुओं में थोड़ी मात्रा में अन्य एसिड भी होते हैं जैसे यूरोकैनिक एसिड सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, बाइकार्बोनेट और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी पाए जाते हैं । आंसुओं में मौजूद ये एसिड आंखों को संक्रमण से बचाने, आंखों को साफ करने और नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। इसमें प्रोटीन भी होते हैं, जो आंखों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
अचानक से रोना मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक कारण से हो सकता है, जैसे अत्यधिक खुशी, उदासी, गुस्सा या तनाव। जब मनोवैज्ञानिक दबाव मनोवैज्ञानिक विकार अवसाद अधिक होता है, तो मस्तिष्क शरीर को आंसू बहाने का संकेत देता है। इसके अतिरिक्त कुछ शारीरिक कारक जैसे थकान, नींद की कमी, या किसी दर्दनाक घटना का अनुभव भी अचानक आंसू का कारण बन सकता है। कुछ लोग तनाव और चिंता के कारण भी अनियंत्रित रूप से रो सकते हैं। कभी-कभी हार्मोनल परिवर्तन (जैसे गर्भावस्था या मासिक धर्म) भी रोने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं।
बिना वजह रोने का मन, मानसिक या शारीरिक असंतुलन का संकेत होता है जैसे तनाव, चिंता, हार्मोनल परिवर्तन या थकान। जब हम अंदर से दबाव या परेशानी महसूस करते हैं तो यह हमारी भावनाओं को व्यक्त करके आंसू आ सकते है। यदि यह स्थिति दोबारा होने लगे, तो मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और पेशेवर मदद लेना महत्वपूर्ण है ताकि कारणों का उचित निदान किया जा सके और राहत मिल सके।
लड़कियों या महिलाओं के आंसुओं के पीछे कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कारण होते हैं। लड़किया नाजुक और सेंसिटिव होती हैं उन्हें क्रोध मानसिक दबाव खुशी, उदासी, चिंता, अवसाद या मानसिक तनाव तनाव ज्यादा होता हैं । महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल असंतुलन के कारण भी आंसू आ सकते है। महिलाओं में भावनात्मक संवेदनशीलता भी अधिक होती है, जिसके कारण वे परिस्थिति के प्रभाव में आकर आसानी से रो सकती हैं। महिलाओं में सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव भी कभी-कभी आंसूबहाने का कारण बन सकता है, खासकर जब उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति नहीं होती है या समाज के कुछ मानकों के अनुरूप होने के लिए दबाव महसूस होता है।
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